प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
केंद्र सरकार ने भारत में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस को लेकर कई बड़े कदम उठाए हैं। मध्यम वर्गीय और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए राहत पैकेज का एलान किया गया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत करीब एक लाख 70 हजार करोड़ रुपये का भारीभरकम बजट जारी किया गया है। इसका इस्तेमाल स्वास्थ्य सेवाओं के साथ रोजमर्रा से जुड़ी दूसरी तमाम चीजों के लिए किया जाएगा। इस आर्टिकल में योजना से जुड़े फायदे के बारे में बताया जा रहा है। खबर को अंत तक पढ़ें।

एक लाख 70 हजार का राहत पैकेज
भारतीय इतिहास का अब तक यह सबसे बड़ा राहत पैकेज है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर वित्त मंत्री सीतारमण ने 26 मार्च, 2020 को इसकी घोषणा की है। खास बात यह है कि इस राहत पैकेज को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के साथ जोड़ दिया गया है। कोरोना वायरस के संभावित और बढ़ते हुए खतरों को ध्यान में रखकर यह फैसला किया गया है। इसका मकसद आम लोगों की जरूरत को पूरा करना है। वैश्वविक महामारी का असर भारत पर भी तेजी से पड़ रहा है, जिसकी वजह से आम लोगों को खाने-पीने की चीजों से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं तक के लिए भटकना पड़ रहा है।
बैंकों में ट्रांसफर होंगे पैसे
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लोगों की आर्थिक स्थिति को भी ठीक करना है। दिहाड़ी मजदूरों से लेकर छोटे दुकानदारों और ठेले वालों तक के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। सरकार ने इसको गंभीरता से लेते हुए आम लोगों के बैंक अकाउंट में पैसे भेजने का निर्णय लिया है। खातों में पैसे भेजने का काम डीबीटी योजना के तहत किया जाएगा। सरकार ने इसके लिए सर्वे शुरू कर दिया है। आईटी सेल की टीम काम में जुट गई है।
गरीबों को मिलेगा खाना
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गरीबों को खाना भी उपलब्ध कराया जाएगा। उन्हें दाल, चावल, गेंहू, आटा, तेल आदि खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि किसी के सामने खाने की समस्या न खड़ी हो। अनाज वितरण के लिए राज्य सरकारों को दिशा-निर्देश जारी किया गया है। संबंधित विभाग की टीम इस काम को अंजाम देगी। अनाज लोगों के घरों तक पहुंचाने की कोशिश की जाएगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो इसके लिए सेंटर बनाए जाएंगे।
5 किलो चावल की व्यवस्था
सरकार ने तय किया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में शामिल मध्य और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को पांच-पांच किलो चावल उपलब्ध कराए जाएंगे। पांच किलो तक गेंहू भी उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि लोग रोटी का इंतजाम कर सकें। हालांकि हर व्यक्ति के सामने यह विकल्प रखा जाएगा कि वह चावल और गेंहू में से किसी एक अनाज को ही ले सकता है। दाल का वितरण भी किया जाएगा। लोगों को एक किलोग्राम के रूप में अलग-अलग किस्म की दालें दी जाएंगी।
80 करोड़ लोग होंगे लाभांवित
वित्त मंत्री सीतारमण ने प्रेस को बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का फायदा 80 करोड़ लोगों को मिलेगा। उन्होंने दावा किया है कि इतने बड़े पैमाने पर अनाज वितरण के बाद कोई भी व्यक्ति फूड यानी खाने के बिना नहीं रह सकता है। सभी को अनाज मिलेगा और सरकार की यही कोशिश भी है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना का फायदा हासिल करें।
तीन महीने तक मुफ्त मिलेगी सेवा
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अगले तीन महीने तक प्रभावी बनाए रखा जाएगा। लोगों को इस साल जून के महीने तक मुफ्त में अनाज वितरित किया जाएगा। अनाज वितरण के बाद कोरोना वायरस की स्थिति की समीक्षा भी की जाएगी। अगर खतरा और बढ़ जाता है तो अनाज का वितरण भी बढ़ा दिया जाएगा। फिलहाल यह व्यवस्था अगले तीन महीनों तक लागू रहेगी।
राज्य सरकारों के साथ तालमेल बैठाने की कोशिश
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को सही तरीके से क्रियांवित करने के लिए राज्य सरकारों के साथ तालमेल बैठाने की कोशिश की जा रही है। राज्य सरकारों ने भरोसा दिलाया है कि वे केंद्र के फैसलों को अपने-अपने राज्यों में पूरी ईमानदारी के साथ लागू करेंगी। केंद्र सरकार की ओर से जो भी योजनाएं लागू की जा रही है, उनका लाभ आम लोगों तक पहुंचाया जाएगा। राज्य सरकारों ने फूड कारपोर्रेशन को अनाज की उपलब्धता बढ़ाने को कहा है।
बुजुर्गों, दिव्यांगों को 100 रुपये अतिरिक्त
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों को पेंशन के रूप में एक हजार रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे। रुपये दो किस्तों में दिए जाएंगे। सरकार का दावा है कि इस योजना के तहत करीब तीन करोड़ लोगों बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों को लाभांवित किया जाएगा।
50 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस कवर
योजना के तहत बीमा भी कराया जा रहा है। कोरोना वायरस की रोकथाम में लगे डॉक्टरों के अलावा दूसरे जरूरी विभागों में तैनात कर्मचारियों के लिए 50 लाख रुपये तक का बीमा कवर है। इस योजना के तहत करीब 20 लाख कर्मचारियों को लाभांवित किया जाएगा। इसमें बड़ी संख्या में मेडिकल स्टाफ शामिल हैं।
सर्वे के बाद अनाज वितरण का काम शुरू
केंद्र सरकार के निर्देश के बाद राज्य सरकारें इसके लिए सर्वे कराएंगी। केंद्रीय एजेंसियों की मदद से होने वाले इस सर्वे के तहत उन लोगों को चिन्हित किया जाएगा, जो वास्तविक रूप से जरूरतमंद हैं। इसमें बड़ी संख्या में मजदूर, मिस्त्री, रिक्शा और ठेले वाले, फल सब्जी-विक्रेता, कारखानों में काम करने वाले लेबर, छोटे दुकानदारों के साथ मध्यम वर्गीय परिवार के उन लोगों को भी शामिल किया गया है, जो छोटी-छोटी कंपनियों में अलग-अलग पदों पर काम करते थे। कंपनियां और फैक्टरियां बंद होने की वजह से उनके सामने भी रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
जनधन खातों में ट्रांसफर होंगे 5000
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का सबसे बड़ा फायदा जनधन खाताधारकों को मिलने जा रहा है। सरकार ने तय किया है कि जनधन योजना के तहत बैंकों में जिन लोगों के खाते चल रहे हैं, उन्हें 5000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। फिलहाल इसकी समीक्षा की जा रही है। सरकार की कोशिश यही है कि इस योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा गरीबों को लाभांवित किया जा सके।
बैंकों की भूमिका भी बढ़ी
केंद्र सरकार ने सभी राष्ट्रीयक्रत बैंकों से ऐसे लोगों के अकाउंट की डीटेल भेजने को कहा है, जो सरकार की अलग-अलग योजनाओं के तहत लाभांवित किए जा रहे हैं। इसमें आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के लोग तो शामिल हैं ही, एससी-एसटी और ओबीसी इन योजनाओं का फायदा उठा रहे हैं। जनधन खातों की डिटेल भी मांगी जा रही है। खातों का निरीक्षण करने के बाद ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत उनके अकाउंट में पैसे भेजने का काम शुरू होगा।