केंद्र सरकार किसानों के लिए ढेर सारी योजनाओं पर काम कर रही है। इस कड़ी में प्रधानमंत्री सोलर पंप योजना को शुरू किया गया है। योजना के तहत किसानों को सौर उर्जा प्लांट तो मुहैया कराना ही है, बिजली के उत्पादन को भी बढ़ाना है। किसानों की आय का ख्याल भी रखा गया है। इसकी वजह से उनकी आमदनी बढ़ जाएगी। इस आर्टिकल में प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। पूरी जानकारी हासिल करने के लिए आर्टिकल पर अंत तक बने रहें।

पीएम कुसुम योजना के लाभ

  • कुसुम स्कीम के तहत प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना को संचालित किया जा रहा है। इसके लिए अलग से बजट का इंतजाम किया गया है।
  • योजना के तहत देशभर के किसानों को करीब 18 लाख सौर पंप सेट दिए जाएंगे। जिस जगह पर ग्रिड है, वहां 10 लाख पंप दिए जाएंगे।
  • कुसुम योजना के तहत पहले चरण में किसानों को करीब 27 लाख सोलर पंप सेट मुफ्त दिए जाएंगे। सप्लाई शुरू की जा चुकी है।
  • किसानों को सब्सिडी के रूप में सोलर पंप की कुल लागत का 60 फीसदी रकम देगी। देश के 20 लाख किसानों को इसका लाभ पहुंचाया जाएगा।
  • किसानों को इसकी वजह से फ्री बिजली मिलेगी। किसान अतिरिक्त बिजली पैदाकर ग्रिड को भेज सकते हैं। इसके लिए उन्हें पैसे दिए जाएंगे।

डीजल पंप बदले जाएंगे (PM Kusum Solar Yojana) के तहत

कुसम योजना के तहत संचालित प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना के पहले चरण में उन सिंचाई पंपों को शामिल किया गया है, जो डीजल से चल रहे हैं। करीब 17 लाख सिंचाई पंपों को सौर उर्जा से चलाने की व्यवस्था की जाएगी। सरकार का मानना है कि इसकी वजह से डीजल की खपत और कच्चे तेल के आयात पर रोक लगाने में मदद मिल सकेगी।

प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना के लिए बजट

केंद्र सरकार ने कुसुम स्कीम के तहत संचालित प्रधानमंत्र सोलर पैनल योजना के लिए भारी भरकम बजट का इंतजाम किया है। इस योजना के लिए करीब 1.40 लाख करोड़ रुपये का इंतजाम किया गया है, जो बहुत बड़ी रकम है। माना जा रहा है कि सरकार 2022 तक देश में तीन करोड़ सिंचाई पंप को बिजली या डीजल की जगह सौर उर्जा से चलाने की व्यवस्था करने जा रही है।

सोलर पैनल योजना के लिए पात्रता

  • एक मेगा वाट का सोलर प्लांट लगाने के लिए किसानों के पास कम से कम पांच एकड़ जमीन होनी चाहिए।
  • एक एकड़ जमीन पर 0.2 मेगा वाट बिजली उत्पन्न हो सकती है। सिंचाई के लिए पेट्रोल और डीजल के खर्च में भी कमी आएगी।
  • बिजली कंपनियां 30 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से भुगतान करेंगी।। एक मेगा वाट का सोलर प्लांट एक साल में 11 लाख यूनिट बिजली उत्पन्न करता है।

योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • भूमि अभिलेख
  • बैंक पासबुक
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • मोबाइल नंबर

(PM Kusum Solar Yojana) का खर्च

कुसुम योजना के लिए सोलर पंप योजना पर आने वाले खर्च को केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बांटा गया है। केंद्र सरकार सौर उर्जा के लिए 48 हजार करोड़ रुपये का योगदान देगी। राज्य सरकारों को भी इतनी राशि का भुगतान करना होगा। किसानों को सिर्फ दस फीसदी खर्च ही उठाना होगा। बैंकों ने भी लोन के लिए 45 हजार करोड़ रुपये का इंतजाम किया है, जिसका सीधा फायदा किसानों को मिलेगा।

कुसुम योजना द्वारा किसानों के लिए लोन की व्यवस्था

  • किसानों को इसके लिए लोन भी दिया जाएगा। बैंक द्वारा किसानों को 30 फीसदी तक लोन दिया जाएगा, ताकि प्लांट को लगाने में आसानी हो।
  • सोलर पैनल स्थापित करने के लिए किसानों को दस फीसदी राशि का भुगतान करना होगा। उन्हें कई तरह की सुविधाएं प्रदान की जा रही है।
  • केंद्र सरकार राशि का भुगतान बैंकों के जरिए करेगी। बैंक खातों में सब्सिडी की रकम ट्रांसफर कर दी जाएगी।
  • सोलर पैनल प्लांट के लिए उपजाऊ जमीन की जरूरत नहीं है। प्लांट के लिए बंजर जमीन की जरूरत है, जिसपर खेती न होती हो।

 सोलर पैनल योजना से बिजली का उत्पादन बढ़ेगा।

बंजर जमीनों पर सोलर पैनल प्लांट की संख्या बढ़ने से बिजली का उत्पादन बढ़ेगा। सरकार का मानना है कि सिंचाई पंप और सौर उर्जा का इस्तेमाल होने लगे तो बिजली की बचत होगी। खास बात यह है कि इसकी वजह से बिजली का उत्पादन भी बढ़ जाएगा। माना जा रहा है कि सोलर पैनल प्लांट की वजह से 28 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन बढ़ सकता है।